anupama latest episode written update anupama latest written episode anupama serial latest episode written update 29 November 2021

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सीरियल अनुपमा में आज का एपिसोड काफी ज्यादा मजेदार और इंटरेस्टिंग होने वाला है आज के एपिसोड की शुरुआत कुछ इस प्रकार से होती है जहां पर अनुपमा को यह पता चल जाता है कि बा बाबू जी की कल 50वीं सालगिरह है और बाबूजी का बहुत ज्यादा मन है मूवी सालगिरह को मनाना चाहते हैं जैसे अनुपमा को इस बात का पता चल जाता है तो उस बाबा जो होती है वह कहती कि मुझे यहां पर बा बाबू जी की सालगिरह बनानी है चाहे का निवास के बाहर ही क्यों ना मैं नानी पड़े लेकिन मैं अपने बाबू को जी को ऐसे परेशान नहीं देख सकती हूं चाहे कुछ भी हो जाएगी इनके साथ 50 साल 19 साल में इन्होंने बहुत ज्यादा मूवमेंट बताएं और उनके साथ 30 सालों में मैंने भी बहुत ज्यादा मूवमेंट बिल पता है और इनकी 50वीं सालगिरह तो मैं मना कर रहा हूं अभी चाय शाह निवास के बाहर मुझे अपने गरीब क्यों ना बनानी पड़ेगी उसके बाद अनुमति मुक्ति कि मुझे आज शाम को बच्चों बच्चों से और निष्ठा से बात करनी पड़ेगी उसके बाद हमें दिखाई जाता है कि अनुपमा जो होती है वह निवास से अपने घर की तरफ लौट रही होती तब भी उसे रास्ते में अनुज मिल जाता है अनुज होता है वह बेटा की अनुमति नहीं है जो इस वक्त

कहां जा रही हो तो नींबू खेती जी मैं अपने घर जा रही हूं उसके बाद अनुज होता है वह कहता है कि मैं तुम्हें आप भेजो हेल्प करता हूं निकलूंगा तब वह मना करती लेकिन अनुज नहीं मानता है और अनु ज्योत आया अनुपमा को गाड़ी में बिठा तार घर तक ड्रॉप करने के लिए आ जाता है उसके बाद यहां पर ���ुमार ज्योति है वह काफी ज्यादा परेशान दिखती है यहां पर बाबूजी की सालगिरह को लेकर कभी अनुज होता है वहां से पूछता है कि क्या हुआ प्रवीण कुमार ज्योति है उसको अपनी परेशानी नहीं बताती उसके बाद अनुज होता है वहां से चला जाता है और वह जो तू मन ही मन के टीके अनु जी आपने मुझ पर बहुत ज्यादा एहसान कर दी और आप मेरे लिए बहुत कुछ हो आज जितना कोई भी दूध किसी दोस्त के लिए नहीं करता है उतना आपने कर दिया मैं मानती हूं कि आप मुझसे प्यार करते हो लेकिन आपको प्यार के बदले में जब प्यार नहीं मिलने वाला है तो मैं आपका जो है जितनी मेरी समस्याओं का जो पूछना है वह आ��के सिर पर नहीं रख सकती हूं किधर हमें दिखाया जाता है कि शाम हो जाती हूं शाम को बाबा बुझी जो होता है वह दोनों एंजॉय गार्डन में आ जाता है उसके बाद दोनों जो होते हैं वह सोच रहे हो तो रूम के

तब उन्होंने जो भी 50 सालों में जो 7 पल बिताए उन पलों को याद करते रहते हैं उसके बाद बापूजी जो होता है वह बात क्या निकालते और बाजू तिरु बापू जी के छाया बताती है उसके बाद दोनों जो होता है वह कहते कि 50 साल कैसे बीत गया पता ही नहीं चला पहले एक जमाना हुआ करता था जब हम मालिक इतरा रहे थे और आज जो है मोनू से भी बेहतर ब्लूकोरा है तभी यहां पर बाजू तिबू केतियत्ता लगता है कि अब तो मैं घर में नौकर बनकर रह गए चलो कोई बात नहीं है 85 साल गिरह ना सही लेकिन हम जो हमने साथ पल बिताए पलों को तो हम कल मंदिर जाकर याद करेंगे बाबू जी जो अपनी सालगिरह के बारे में सोच रहे होते ही देर में दिखाया जाता है कि अनुपमा जो होती है वह सा निवास आ जाती लेकिन उसने बाद के अंदर नहीं जाती है और सभी को गार्डन में बुला लेती है उसके बाद यहां पर में दिखाया जाता है कि सभी बच्चे होते हैं वह आ जाते हैं उसके बाद या ब्रह्मकुमारी होती है वहां पर स्वीटी से ख���ती यानी कि पाकिस्तान कहती कि पार्टी जाओ अपने पापा को बुला कर लेकर आओ तभी आप पर अनु बन रहा है जो होता है वह आ जाता उसके ताकि कोई जरूरत नहीं है अनुभव में आ चुका हूं तुम यहां पर इतनी रात

को आई और क्या बात करना युवा दिया परंतु सभी को बताती है वह कहती कि सुबह मैंने बा बाबू जी को बात करते हुए देखा था और उनका एक फंक्शन बनाने का बहुत ज्यादा मन है तभी आप रोड राज होता है ताकि कहता फंक्शन के बाद खेती की मित्रता कल बा बाबू जी की 50वी�� सालगिरह है जैसे ही बन रहा दुर्भाग्य सभी बच्चे ज्योति इस बात को सुनते तो सभी साथी ज्यादा खुश हो जाते हैं उसके बाद बाकी और समझ जाते हैं वह कहते हैं कि अभी जाकर हम लोग को भी कर कर आते तभी आप रंगुमा ज्योति उनको रोक लेती हो खेती का मैच में उन्हें विश नहीं कर सकता है हमें उनको एक सरप्राइज देना चाहिए तभी मनराज होता है वह देता है कि यह बात तो तुम्हारी सही है उसके बाद वह कहता है कि मत में यह दिन कैसे याद आए तब इनको मां होती है हर रात को सारी सच्चाई बता देती है कि बाबा को जी का काफी ज्यादा मन था लेकिन यहां पर जो है जब का गाने मुझे ऐसा लगता है कि उनको ���ना कर दिया इसी वजह से वह कह रहे थे कि बच्चों की खुशी के लिए हम अपनी एनिवर्सरी नहीं मनाएंगे वनराज केहता है कि अगर मेरे बाबूजी का मन है तू चाहे कुछ भी हो जाए एनिवर्सरी तो हम लोग बनाकर रहेंगे उसके बाद अनुपमा जी होती

है वह कहती कि अगर इस घर में यूनिवर्सिटी मनाई गई तू बा बाबू जी को और ज्यादा तकलीफ होगी क्योंकि अगर काका के नाम पर इसी वजह से मैं चाहती हूं कि हम लोग जो मेरे घर पर यहां पर डूबा बाबूजी की जो फंक्शन है उसे सेलिब्रेट कहता भी वनर���ज होता है वह कहते की कोई जरूरत नहीं है अनुपमा में कागज से बात करूंगा तुम लोगों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है तुम लोग फंक्शन की तैयारी करो अब यहां पर जो है सा दिमाग के अंदर ही बाबूजी की सालगिरह मनाई जाएगी और उनको मत तुम भी सा निवास में बेधड़क आ सकती हो तुम्हें क्या क्या कुछ भी नहीं कहने वाली मैं तो खा गए जुम्मे जुम्मे से बात कर लूंगा उसके बाद में दिखाई देता है कि बाबूजी जो है वह इधर आने लगते तभी तभी बच्चे भी होते हैं वह अंदर चले जाते हैं और उनको मा ज्योति मूवी वहां से चली जाती है ताकि वहां पर जूस कल सुबह वाह बाबूजी को सरप्राइज दे सके इधर में दिखाया जाता है कि बंदा जो होता है होता है जिसे अंदर जाता है तभी का क्या वहां पर गेट पर सुन रही होती है सारी बातें उसके बाद का भेजो तू कहती थी किस फंक्शन में की बात कर रहे थे तभी आप अमन राज होता है वह कहता है कि कार्य मैं तुम्हें

बताना जरूरी नहीं समझता हूं तभी आप पर कागज होती है वह कहती कि घर में मेरी भी यहां पर इंजॉय परमिशन होनी चाहिए जब तक मेरी परमिशन नहीं होगी तब तक मैं इस घर में कोई फंक्शन नह��ं मनाया जाएगा तभी वनराज होता है वह कहता है कि तुम यहां पर क्या कर लोगी तब भी आप पर है जो काका होती है वह कहती क्या अभी तक तुम ही सोचा नहीं लेकिन जो तुम सोच नहीं सकते हो वह मैं कर लूंगी तभी वह रात को गुस्सा आ जाता और वनराज होता है बुखार या के पास चाहता हूं उसकी आंखों में आकर डालता हूं कहता है कि मेरा नाम भी बन रहा है बन रहा था मैं किसी से डरता नहीं हूं अगर का खेत मैं तुम यह सोच रही थी अगर तुम्हारे नाम पर तुम मुझे मुझे इधर से बाहर निकाल दोगी तो मैं कभी यहां पर जुड़े किसी के नीचे ना तो काम किया ना क�� पाऊंगा और ना किसी के नीचे रह पाऊंगा अगर तुम यह चाहती हो कि काव्या मैं अपने परिवार को लेकर यहां से चला जाऊंगा तुम्हें आज और अभी इसी वक्त अपने परिवार को लेकर अपने साथ ही ऐसा जवाब छोड़कर जा रहा हूं कहीं मैं दूर कहीं किराए के मकान पर दे दूंगा लेकिन यहां पर जो तुम्हारे नीचे में घुट-घुट कर नहीं रह सकता हूं उसके बाद बंद आज जो होता है

वह देता है कभी ���ेरी का की पैकिंग कर रहा हूं तुम रहना इसी घर में औरों के लिए मरना जैसे ही बन रहा है जो होता है इतना कहकर अपनी पैकिंग करने लग जाता और कहता है कि सभी परिवार को लेकर मैं जा रहा हूं तभी कागज उद्योग काफी ज्यादा घबरा जाती है उसके बाद भंडार से माफी मांगने लग जाती है अब देखते हैं कि आप अर्जुन शर्मा के नए घर पर जो है यहां पर सालगिरह मनाई जाती है फिर से निवास में मनाई जाती है या मैं सोमवार के एपिसोड में पता चलेग 

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